पाबूजी राठौड़ राजस्थान सामान्य ज्ञान

Hello friends  Government Job प्राप्त करने के लिए सामान्य ज्ञान General Knowledge मे अच्छी पकड़ होना बहुत जरूरी है ।
राजस्थान  level के Exam मे राजस्थान से जुड़े प्रश्न पूछे जाते है । जिसमे देवी देवता के भी सवाल होते है ।

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इस post मे हम राजस्थान के लोकदेवता " पाबूजी" से सम्बंधित  Exam मे पूछे जाने वाले सभी प्रश्न published कर रहे है जो राजस्थान स्तर की परीक्षा  मे useful रहेगे ।

   पाबूजी राठौड़ प्रश्न उत्तर


1.  पाबूजी का जन्म कब हुआ ?
उत्तर-     13 वी शताब्दी मे ।

2. पाबूजी का जन्म स्थान ?
उत्तर -  कोलूमंड

3. पाबूजी के पिताजी का नाम क्या था ?
उत्तर -  धांधल जी राठौड़

4. पाबूजी राठौड़ की माता कौन थी ?
उत्तर-  एक अप्सरा ।

5. राइका ( रेबारी ) जाति के लोग किसे अपना आराध्य देव मानते है ?
उत्तर - पाबूजी राठौड़ को ।

6. पाबूजी राठौड़ की " फड़ " कौन बांचते है ?
उत्तर - नायक जाति के भोपे ।

7. पाबूजी की फड़ किस वाद्य यंत्र के साथ बाँची जाती है ?
उत्तर - रावणहत्था के साथ ।

8. "पाबूजी के पवाड़े " किस वाद्ययंत्र के साथ गाये जाते है और कौन गाता है ?
उत्तर - " माठ " वाद्ययंत्र के साथ नायक एंव रेबारी जाति के द्वारा ।

9. पाबूजी को किसका अवतार मानते है ?
उत्तर - लक्ष्मण का

10. पाबूजी का प्रमुख मंदिर कहाँ पर है ?
उत्तर - कोलूमंड ( जोधपुर )

11. पाबूजी की घोड़ी का क्या था ?
उत्तर - केशर कालवी ।

12. जिन्दराव खिंची पाबूजी के क्या लगते थे ?
उत्तर - बहनोई ।

13 . पाबूजी का मेला कब भरता है ?
उत्तर - चैत्र अमावस्या को ।

14 .  पाबूजी की पत्नी का नाम क्या था ?
उत्तर - फूलवती ।

15. पाबूजी की मृत्य कैसे हुई ?
उत्तर - जिन्दराव खिंची से देवल चारणी की गाय छुड़ाते वीर गति को प्राप्त हुए ।

☆ पाबूजी को पांच पीरो मे माने जाते है ।
 ☆ पाबूजी ने विवाह मे तीन हि फेरे लिए थे और देवल चारणी की गाये छुड़ाने के लिए गठजोड़ काट दिया था ।
☆ पाबूजी की पत्नी उनके पीछे सती हुई थी ।
☆ पाबूजी के बड़े भाई के बेटे " झरड़ा " ने जिन्दराव खिंची से बदला लिया था ।


42 Responses to " पाबूजी राठौड़ राजस्थान सामान्य ज्ञान"

  1. पाबूजी राठौड़ के गुरु कौन थे

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  2. पाबूजी राठौड़ के गुरु गुरु बालीनाथ जी थे और बालीनाथ जी नहीं वचन दिया था कि कभी रेबारी जाति पर अत्याचार नहीं होना चाहिए और मैं वचन देता हूं कि कभी रेबारी आपको धोखा नहीं देगा इसीलिए राजा महाराजा राजपूत समाज के लोग रेबारी जाति को ज्यादा महत्व देते हैं जो विश्वासपात्र काम था वह रेबारी को ही करना होता था जैसे बहन बेटी को पीहर सासरे जाने वाले जाने का काम रेबारी को ही दिया गया था और रेबारी जाति विश्वास पर खरी उतरी कभी भी किसी राजपूत को धोखा नहीं दिया और नहीं कभी किसी राजपूत ने रेबारी को धोखा दिया चाहे रेबारी बड़ी से बड़ी गलती करके राजपूतों के पास आकर कहता था मैं यह गलती कर दी है मुझे माफ करो तुरंत मासी मिल जाती थी किसी भी प्रकार की सजा नहीं होती थी आज भी राजपूत समाज रेबारी जाति को ज्यादा महत्व देते थे अगर किसी जाति का किसी भी जाति को यह अधिकार नहीं था की ऊंट घोड़ी पर बैठकर गढ़ के सामने नहीं जाते थे लेकिन रेबारी जाती को यह अधिकार था कि वह ऊंट घोड़ी बैठकर गढ़ के अंदर आ जा सकता है इसीलिए सभी राजा महाराजा रेबारी जाति को अपने साथ रखते थे इसीलिए हरमल राइका ने पाबूजी का साथ दिया था रामदेव जी का रत्ना राइका साथ दिया था तेजाजी महाराज के साथ आशु जी राइका ऐसे तमाम राजा महाराजाओं के साथ रेबारी जाति के लोग रहते थे

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  3. पाबुजी की पङ का इतिहास बताये ये कब शुरू हुयी

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  4. पाबूजी के नाम का अर्थ क्या है

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  5. पाबूजी के नाम का अर्थ क्या है

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  6. पाबूजी का जन्म कब हुआ तारीख बताऐ?

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  7. पाबु जी के गुरु का नाम क्या है और ans अभी दे जरूर चाहिए

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  9. पाबू जी महाराज की जन्म तिथि क्या है

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  10. ओरण कितने बीघा में फेली हुईं है

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